भविष्य की सुरक्षा के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम का महत्व
सरकारी हो या प्राइवेट, हर नौकरीपेशा व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति (Retirement) के बाद के जीवन को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए बचत के विभिन्न रास्तों की तलाश में रहता है। भारत सरकार द्वारा संचालित नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक ऐसी ही योजना है जो दीर्घकालिक निवेश के माध्यम से सुरक्षित भविष्य की गारंटी देती है। यह एक स्वैच्छिक और बाजार आधारित योजना है, जिसमें कर्मचारी अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा जमा करते हैं, जिसे रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त और पेंशन के रूप में वापस प्राप्त किया जा सकता है। सरकार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके काम से मुक्त होने के बाद एक गरिमामय जीवन जीने के लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध कराना है।
NPS के निकासी नियमों में सरकार का बड़ा बदलाव
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एनपीएस के नियमों में एक क्रांतिकारी बदलाव की घोषणा की है। पहले के नियमों के अनुसार, कर्मचारी अपने कुल जमा फंड (Corpus) का केवल 60 प्रतिशत हिस्सा ही एकमुश्त निकाल सकते थे और शेष 40 प्रतिशत हिस्से से ‘एन्युटी’ (Annuity) खरीदना अनिवार्य था। अब नए नियमों के तहत, कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा राशि का 80 प्रतिशत तक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकेंगे। इसका अर्थ है कि अब कर्मचारियों के पास अपनी जरूरत के अनुसार अधिक नकदी उपलब्ध होगी, जबकि केवल 20 प्रतिशत राशि से ही एन्युटी खरीदना आवश्यक होगा।




















